ऐटिटूड शायरी – जिगर वाले का डर से कोई वास्ता नहीं होता

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जिगर वाले का डर से कोई वास्ता नहीं होता,
हम वहां भी कदम रखते है, जहां रास्ता नहीं होता…!

कुछ लोग हमारे शोक से भी जल जाते है,
वो जितना कमाते है हम उससे ज्यादा उड़ाते है…!

कोई धमकी देकर बच जाए,
जनाब इतने शरीफ तो हम भी नही है…!

मैं मगन रहता हु अब अपनी ही मस्ती में,
जबसे आग लगाई है मोहब्बत की बस्ती में…!

ज्यादा घमंड अच्छा नहीं, तकदीर बदलती रहती है,
शीशा वही रहता है, तस्वीर बदलती रहती है…!

याद रखना मैं अपनी पे आया तो ऐसे भूल जाऊंगा,
जैसे पहले तुम्हे कभी देखा ही ना हो…!

हम उन लोगो में से है मेरे भाई,
अगर गलती तेरी भी होगी ना,
तो भी सामने वाला ही मार खाएगा…!

इरादे तो खतरनाक है, बाकी देखते है,
जिंदगी आखिर क्या करवाती है….!

हम वही बंदे है, जिनके ना तो तेवर कम है,
और ना ही दुश्मन…!

याद करोगे तो याद रहोगे,
वरना याददाश्त हमारी भी कमजोर है…!

जिस चीज का तुम्हे सबसे ज्यादा खोफ है,
मुझे उसी चीज का शोक है….!

हम तो चाहते है लोग हमसे नफरत करे,
वैसे भी मोहब्बत कौनसी सच्ची करते है…!

पीट पीछे कोई क्या भोक्ता है घंटा फर्क नही पड़ता,
सामने सालो का मुंह नही खुलता बस इतना ही काफी है…!

शेर पिंजरे में बंद हो तो जोकर कहलाता है,
और मैदान में उतरे तो तबाही मचाता है…!

जितना मजाक उड़ाना है उड़ा लो,
क्योंकि अब मैं नए अंदाज में मिलने वाला हु…!

भरोसा जब खुदपर है,
तो किसी दूसरे की क्या औकात जो तुम्हे हरा दे…!

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