डबल मीनिंग – मांगता हूँ तो देती नहीं हो, जवाब मेरी बात का
डबल मीनिंग (Double Meaning) शायरी या चुटकुले ऐसे होते हैं, जिनमें एक ही वाक्य या शब्द का दोहरा अर्थ होता है। एक अर्थ आमतौर पर सीधा और सरल होता है, जबकि दूसरा छिपा हुआ या मज़ाकिया तरीके से थोड़ा अनैतिक या चुटीला हो सकता है। यह शायरी और चुटकुले अक्सर हास्य और मनोरंजन के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इनका प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि इन्हें कैसे और किस संदर्भ में कहा जा रहा है।
मांगता हूँ तो देती नहीं हो,
जवाब मेरी बात का,
और देती हो तो खड़ा हो जाता है,
रोम-रोम जज्बात का,
मुँह में लेना तुम्हे पसंद नहीं,
एक भी कतरा शराब का,
फिर क्यों बोलती हो कि धीरे से डालो,
बालों में फूल गुलाब का,
वो सोती रही, मैं करता रहा,
इंतजार उसके जवाब का,
अभी उसके हाथ में रखा ही था कि उसने पकड़ लिया,
गुलदस्ता गुलाब का,
उसने कहा पीछे से नहीं,
आगे से करो दीदार मेरे हुस्न-ओ-शबाब का,
उसने कहा बड़ा मज़ा आता है जब अंदर जाता है,
कानों में एक-एक लफ्ज़ तेरे प्यार का। 😀
Mangta Hun To Deti Nahi Ho,
Jawaab Meri Baat Ka..!!
Aur Deti Ho To Khada Ho Jata Hai,
Rom-Rom Jazbat Ka.. :O
Muuh Me Lena Tumhe Pasand Nahi,Ek Bhi Qatra Sharab Ka..
Phir Kyu Bolti Ho Dheere Se Daalo, Balon Mein Phool Gulab Ka??
Woh Soti Rahi Mein Karta Raha,
Intezaar Uske Jawab Ka..
Abhi Uske Haath Me Rakha Hi Tha Ke Usne Pakad Liya,
Guldasta Gulab Ka..
Usne Kaha Pichhe Se Nahi Aage Se Karo,
Deedar Mere Husn-E-Shabbab Ka..
Usne Kaha Bada Maza Aata Hai Jab Andar Jata Hai..
Kano Mein Ek Ek Lafz Tere Pyar Ka. 😀
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