Why know about emergency contraception methods

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आपातकालीन  गर्भनिरोधक  तरीकों  के  बारे  में  क्यों  जाने?

एक विश्वव्यापी सर्वे के अनुसार,कुछ ६००,००० औरतें गर्भ सम्बंधित कारणों, और कुछ ७५,०००० महिलाएंअसुरक्षित गर्भपात के कारण अपनी जान खो देती है। अनचाहे गर्भ औरअनचाहे गर्भपात को टालने का सिर्फ एक ही तरीका है,आपातकालीन गर्भनिरोधक तरीकों के बारे में जानकारी।

गर्भनिरोधक तरीके न कि सिर्फ औरतें बल्कि बच्चोंऔरशिशुओं के लिएभी बहुत फायदे मंद है।जैसे जैसे आधुनिक गर्भनिरोधक तरीके आगेआर हे है वैसे शिशु मृत्यु दर कुछ १५% से ८% हो गया है।

क्या है आपात कालीन गर्भनिरोध?

आपात कालीन गर्भनिरोधक मतलब वो चीज़ें या वो तरीकें जो अनचाहे गर्भ को टालने में मदद करतीहै। डॉक्ट रोंके अनुसार, आपातकालीन गर्भनिरोधक का इस्तेमाल यौनसम्बद्ध बनाने के ५ दिन केअंदर या फिर उससे भी जल्दी किया जाना चाहिए।  

इसको इस्तेमाल में कैसे लाया जाए?

आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियांआपको गर्भवती होने से बचाती है, यह गोलियां गर्भपात में सहायता नहीं करती। कॉपर आईयूडी, कुछ रासयनिक बदलावों द्वारा, गर्भ को होने से पहले ही ख़तम कर देती है।

कौन कर सकता है गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल?

कोई भी लड़कीया औरत जिसे आपातकालीन गर्भनिरोधक की आवश्यकता पड़े वो इनतरीकों का इस्तेमाल कर सकती है। इनको इस्तेमाल करने की कोईआयु सीमा नहीं है, किसी भी आयु की लड़कीया औरत इन तरीकों का प्रयोग कर सकती है।

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किन परिस्थितियों में आपातकालीन गर्भनिरोध का इस्तेमाल किया जाना चाहिए?

आपातकालीन गर्भनिरोधक यौन संबध बनाने के बाद कई परिस्थितियों में इस्तेमाल में लाया जा सकता है। जैसे,

) यौन उत्पीड़न के दौरान गर्भनिरोधक जैसे, कंडोम का प्रयोग न किए जाने पर।

) जब ऐसा लगे की यौन सम्बद्ध के दौरान असरदार गर्भनिरोधक के इस्तेमाल में कहीं चूक हो गयी हो, जैसे

  • कंडोम का टूटना, हटना या गलत इस्तेमाल;
  • ३ या उससे ज़्यादा गर्भनिरोधक गोलियां खाना भूल जाना;
  • गर्भनिरोधक गोली लेने के समय से ३ घंटे या ३ घंटे बाद दवा लेना;
  • गोली से १२ घंटे या १२ घंटे से ज़्यादा देरी होना;
  • डम्पा इंजेक्शन को ४ या ४ से ज़्यादा हफ़्तों की देरी होना;
  • गर्भनिरोधक इंजेक्शन को ७ या ७ से ज़्यादा दिन की देरी होना;
  • श्रीघ पतन में देरी हो जाना
  • महीने के दिनों में गलती होना
  • कॉपर आईयूडी का अपनी जगह से हट जाना;

 

सौजन्य से: फेमिनिज्म इंडिया

 

आपका यह सब जानना ज़रूरी क्यों है?

एक सर्वे के अनुसार… 

प्रगति शील देशों में, ५३% शादी शुदा महिलाएं अपना परिवार आगे बढ़ाने के बारे में सोचती है, ९०% महिलाएं आधुनिक गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करते है जैसे नसबंदी, गर्भ निरोधक गोलियां, और कॉपर आईयूडी। एकसर्वे के अनुसार, शिशु मृत्युदर केआंकड़े घटने का एक तरीका है कि२ बच्चों में २४ सालका अंतर हो। शिशुओं और बच्चों की सेहत सुधारने का सबसे अच्छा तरीका है, अच्छे गर्भनिरोधक तरीकों को प्रयोग में लाना।

 

आपात कालीन गर्भनिरोध के कुछ तरीके है :

  • इसीपीजिसमेयुप अहो
  • इसीपीजिसमेएलएनजीहो
  • गर्भनिरोधक गोलियां
  • कॉपर आईयुडी
  • नसबंदी

 

इसका इस्तेमाल क्यों ज़रूरी है?

किसी महा पुरुष ने कहा था,“यह आप का तन है इस पर सिर्फ आपका हक़ है सिर्फ आपकी मर्ज़ी चलनी चाहिए।

पुराने ज़माने में माना जाता था की औरत का सिर्फ एक धर्म है, बच्चे पैदा करना। मगर समय के साथ जैसे जैसे वक्त बदला वैसे वैसे सोच बदली और लोगों को यह समझ आया की एक औरत का अस्तित्त्व बच्चे पैदा करने से कहीं ज़्यादा है। एक और चीज़, गर्भ अवस्था में होने से पहले, एक औरत की मर्ज़ी होना बेहद ज़रूरी है और ऐसा कई बार होता है की औरत की मर्ज़ी नहीं होती, आपातकालीन गर्भनिरोधक वो इकलौता ऐसा तरीका है जिससे वो गर्भावस्था को टाल सकतीहै।इससे न सिर्फ वो अपने भविष्य की रक्षा कर रही है, इससे वह एक ऐसे आवांछित शिशु को आने से रोक रही है, जो अभी इस दुनिया के लिए तैयार नहीं है।

ऐसी कोईएक वजहने जिस से हमआपको यह बता पाएं की आपातकालीन गर्भनिरोधक काइ स्तेमाल करना क्यों ज़रूरी है? आपातकालीन गर्भनिरोधक, अनचाही गर्भावस्था को न सिर्फ टालता है बल्कि एक औरत की लम्बीआयु का प्रमाण भी साबित होताहै।

बाकी कुछ वज है

) हो सकता है आपको अभी बच्चे नहीं चाहिए या आपको बच्चे चाहिए पर अभी नहीं चाहिए;

) आपको अपनी ज़िन्दगी अपने हिसाब से जीनी है, न कीबाकियों की मर्ज़ी के हिसाब से;

) आप अपने दो बच्चों में थोड़ा उम्रकाअंतर चाहती है;

) आपको लगता है की आपका परिवार पूरा हो चुका है;

) आपको नहीं लगता की आप अभी माँ बनने के लिए तैयार है;

) आप अभी ऑफिस पर ध्यान देना चाहती है ;

ऐसे अन गिनत कारण है, जो शायद आपको यह समझा पाए की आपात कालीन गर्भ निरोध क्यों ज़रूरी है। ज़रूरी यह है की आवाज़ आपके अंदर से आये कीमुझे गर्भनिरोधक की ज़रुरत इस लिए है क्यों कि …’

Author Bio: Digital Marketer, a human care rights activist, reader, and learner